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सऊदी अरब में मिला प्राचीन मंदिर, 8000 हज़ार साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण मिले

 

8000 year old temple in Saudi Arabia


सऊदी अरब में मिला प्राचीन मंदिर, 8000 हज़ार साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण मिले.

जय मसीह के दोस्तों | कुछ मीना से एक बात बहुत ही प्रचलित हो रही है, और मुझे भी हाल फिलहाल में जानकारी हुई की सऊदी अरब के रियाद के पास 8000 साल पुराना हिंदू मंदिर मिल चुका है | तो हमारे कुछ हिंदू भाई बहन कहते हैं की देखो फिर से साबित हो गया की हिंदू धर्म और हमारी सभ्यता पुरी दुनिया में मौजूद थे और बहुत प्राचीन है | यह है इनके दावे |



बहुत समय पहले हमने एक और दवा देखा था की 5000 साल पुराना विमान अफगानिस्तान में मिला था, और वो कितना सच है आप इस वीडियो में देख सकते हैं |

लेकिन जब हम इस दाव को देखते हैं युटुब में सर्च करके, तो हमारे देश के सेकुलर न्यूज़ चैनल ने भर भर के अपनी राय दे दी और का दिया की ये तो हमारा हिंदू मंदिर है | यहां पर हमारी वैदिक सभ्यता थी | तो जब हमने इस पर थोड़ा और सर्च किया गूगल में कई सारे आर्टिकल्स मिले जो इस बात का समर्थन करते हैं की वो हिंदू मंदिर है | दरअसल वो सब हिंदुओं के वेबसाइट हैं | लेकिन इसी में हमें सऊदी का एक बड़ा न्यूज़ चैनल का ऑफिशल वेबसाइट मिल गया, और मेरे हमें इसी को देखना चाहिए | क्योंकि जी देश में ये सभ्यता मिली है उनके लोग क्या कहते हैं इसके बड़े में देखना जरूरी है की क्या वो सचमुच में एक हिंदू मंदिर है या भारत में जो एक सभ्यता मिली है सिंधु घाटी सभ्यता जिसको सारे आर्कियोलॉजिस्ट ने 4000 साल से भी पहले के सभ्यता बताई है वैसा ही कुछ है |

तो जब आप इस वेबसाइट को पढ़ेंगे या वहीं के आर्कियोलॉजिस्ट के लिखे गए आर्टिकल्स को पढ़ेंगे तब आपको पुरी सच्चाई पता चलेगी इस जगह को अल्फा कहा गया है | और इसकी खुदाई 1970 में सऊदी के किंग सऊदी यूनिवर्सिटी ने शुरू की थी जिसको लीड कर रहे हैं प्रोफेसर अब्दुल रहमान अल अंसारी | इसमें टेंपल्स मिले लेकिन इन्होंने कहानी भी नहीं कहा की यह वैदिक मंदिर थे या इस मंदिर से हिंदू धर्म का कुछ लेना देना है | क्योंकि मंदिर तो हर सभ्यता में थे | बाइबल में भी हम देख सकते हैं की राजा दाऊद ने मंदिर बनाने की कोशिश की थी लेकिन उनका बेटा सुलेमान ने मंदिर बनवाया | और हम इतिहास में देखते हैं की मेसोपोटामिया में, इजिप्ट की सभ्यता में भी मंदिर होते थे | इसी तरह से सऊदी में जो मंदिर मिला है उसको इन्होंने अपना हिंदू मंदिर कैसे का दिया | क्या इस मंदिर में इनके देवी-देवताओं के मूर्ति मिले क्या इसमें शिवा विष्णु या रामकृष्ण के मूर्ति मिले नहीं तो किस आधार से ये लोग का दिए की ये एक हिंदू मंदिर है?

और क्या मिला वहां यानी मकबरा मिले अब बताइए दुनिया में पहले से मकबरा कौन बनाते थे?




और आज भी कौन बनाते हैं हिंदू या वही मिडिल ईस्ट की सभ्यता?

और क्या मिला ग्रेव्यार्ड यानी कब्र मिले क्या हिंदू दफनाते थे?

हम सब जानते हैं की पुराने सभ्यताओं में जिसमें यहूदी सभ्यता में शामिल है वो दफनाते हैं और आज क्रिश्चियन और मुसलमान अपने मारे हुए लोगों को दफनाते हैं क्योंकि वो शुरू से ही अपने करने वालों को दफनाते थे |

तो क्या मैं ये मनु की यह किसी यहूदियों की साइट है? मानो क्या?

और सबसे आश्चर्य के बाद यह है की जो डेट दिया गया है 8000 साल ये सभी चीजों के लिए नहीं कहा गया है | वहां जो पॉटरी मिली है जो लिखावट मिली है जो अस्त्र शास्त्र मिले हैं जो बेदी मिले हैं सभी का डेट 8000 साल नहीं है | दरहसल 8000 साल इसलिए कहा है क्योंकि इसमें नेउलिथिक पीरियड जिसे हिंदी में नवपाषाण कल कहा गया है उसके भी सबूत मिले हैं | और क्योंकि नवपाषाण कल 8000 साल पहले था इसीलिए इस जगह को 8000 साल पुराना कहा गया इसका मतलब ये नहीं की वहां जितने भी चीज मिली वो सभी नवपाषाण कल के हैं वहां से लिखावट मिली वो पढ़ा जा चुका है जबकि हमारे यहां के सिंधु घाटी के सभ्यता के लिपि या भाषा आज तक पड़ी नहीं गई है और मैं मानता हूं आज से 4000 साल पहले दुनिया के सभी बड़ी-बड़ी सभ्यता लिखना पढ़ना जानते थे जिम मेसोपोटामिया के सभ्यता है सिंधु घाटी के सभ्यता है इजिप्ट की सभ्यता थी और यहां रियाद में भी मिल चुका है एक और सभ्यता |

तो वहां बहुत सारे पत्थरों से बने हुए आठ मिले हैं और इनस्क्रिप्शन लिखावट मिली है जिसको पटाया जा चुका है वो एक आदमी मधेकर बिन मुनीम के दिनचर्या को बताती है की वो कैसे शिकार करता था यानी खाने के लिए शिकार करता होगा यानी दुनिया में लोग शुरू से मांसाहारी थे यह तो आजकल के कुछ प्रचार करते फिरते हैं की इंसान कभी मांस नहीं खाता था वगैरा वगैरा और वह माथे पर कैसे यात्रा करता था और कैसे युद्ध करता था इसके बड़े में पूरा चित्र मिला है अगर आप यह कहेंगे की यह बिन मुनीम हिंदू था मतलब क्या आप यह का रहे हैं की हिंदुओं में पहले के जमाने में अपने नाम से पहले बिन भी इस्तेमाल करते थे और ये बिन मुनीम मांस खाने वाला व्यक्ति था अगर आप यह कहते हैं की यह हिंदू था इसका मतलब 8000 साल पहले हिंदू मांस खाता थे मानेंगे क्या?

आगे हम जान रहे हैं की वहां अच्छी-अच्छी बड़ी-बड़ी बिल्डिंग भी हुआ

करती थी वहां लोग व्यापार करते थे और जो बाहर से आने वाले व्यापारी थे उनके लिए विश्राम करने के लिए भी जगह बनी हुई थी यहां सभी लोगों के लिए सुख सुविधा के लिए बिल्डिंग भी बने हुए थे आगे हमें पता चला है की वहां पानी को इस्तेमाल करते थे वहां बारिश कम होती थी फिर भी उन लोगों ने ऐसा सिस्टम बना लिया था पानी को इकट्ठा करके अपनी खेती के लिए अपने दिनचर्या के लिए इस्तेमाल ना जा सके और ऐसे ही प्रमाण हमारे भारत के सिंधु घाटी सभ्यता में भी मिले इसका मतलब वहां के लोग यहां आते होंगे और यहां के लोग वहां जाते होंगे इससे एक और बात साबित होती है की उसे समय भी लोग एक दूसरे से कनेक्ट थे अपना ज्ञान अपना टेक्निक शेर करते होंगे इसीलिए तो हर पुराने सभ्यता में बहुत सारे आम चीज़ मिल रहे हैं तो जो 8000 साल दिया गया है इस जगह का वो है नवपाषाण युग यानी पत्थर के योग धातु तांबे जैसी चीज मानव सभ्यता को पता नहीं थी और जो 2807 कब्र मिले हैं वह भी अलग-अलग समय के हैं पूरे साइट में कई धार्मिक लेख भी मिले हैं धार्मिक का मतलब आप हिंदुओं की धार्मिक आस्था को मत समझिए वो उनके धार्मिक स्थलों के बड़े में लिखे थे हर सभ्यता में वो किसी ना किसी को पूछते थे जैसे यहां कल देवता के नाम से प्रचलित है इजिप्ट में ग्रीक में भी अलग-अलग गॉड्स या डेमी गॉड्स होते हैं वैसे ही इन लोगों का गॉड या देवता था तो इसको दिखाकर यह लोग कहते हैं की वहां हिंदू मंदिर मिला |

अगर आप कहते हैं की यह आपका हिंदू मंदिर मंदिर है तो आप उसे मंदिर के देवता यह भगवान का नाम ही बता देते लेकिन आप इंटरनेट में मौजूद सभी हिंदुओं के क्लैंप्स को देखिए कोई भी नहीं बताया की उसे मंदिर के देवता का नाम क्या है क्योंकि जैसे ही वो नाम बताएंगे उनका पाल खुला जाएगा ये तो मेहरबानी है उन पढ़े लिखे व्यक्तियों की की उन्होंने अपने देवता का नाम लिख दिया वरना आज के लोग तो इसे हिंदू मंदिर स्थापित भी कर देते और सबसे बड़ा खुलासा ये है की उनके देवता का नाम था कल वहां जो इनस्क्रिप्शन मिले उसमें उनके देवता का नाम कल लिखा गया है जिससे उन्होंने एक अच्छा कम कर दिया की भविष्य में कोई भी धोखेबाज उनके सभ्यता को चुराना ले अगर यह लोग हिंदू थे तो दिखाइए अपने किसी भी धार्मिक ग्रंथ में कल नाम के देवता और उसकी क्या कहानी है कौन थे और कहां रहते थे पूरा डीटेल्स दिखाना पड़ेगा | और भी वहां कई सारे इनस्क्रिप्शन मिले जो वहां के लोगों के बड़े में बताते हैं की वह कौन थे उनके नाम कैसे होते थे वगैरा वगैरा बीच किसी भी पॉइंट में सामान्य नहीं है वह अलग थे और हिंदू अलग है तो जब भी दुनिया में कहानी पर भी खुदाई होती है या कुछ भी मिलता है तो कुछ लोग क्या करते हैं की वो अपने हिंदू धर्म को वहां पर घुसा देते हैं की देखो सऊदी में हिंदू मंदिर मिला अमेरिका में हिंदू देवता मिले इजिप्ट में हिंदू देवता मिले यहां तक की सिंधु घाटी सभ्यता को भी हिंदू धर्म से जोड़ने की कोशिश की जा चुकी है | लेकिन शुक्र है की वहां कोई भी मंदिर नहीं मिला वरना ये लोग और क्या-क्या झूठ प्रचारित करते यही जानते हैं |

 

 Aur Is fact checking website nei bhi inke claims ka expose kiya hua hai

https://dfrac.org/en/2022/09/17/was-hinduism-prevailing-in-saudi-arabia-before-islam-read-the-full-story/

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