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क्या हिटलर एक क्रिस्चियन था? Was Hitler a Christian? Unsolved Mystery Answered

क्या हिटलर एक क्रिस्चियन था? Was Hitler a Christian? Unsolved Mystery Answered


हिटलर एक क्रिश्चियन था, जिसने 6 million यानी 60 लाख यहूदियों को मार दिया था | हिटलर एक क्रिश्चियन था, जिसने दूसरा विश्व युद्ध शुरू किया था, जहां लाखों करोड़ों में जिंदगी गई उनके परिवार तबाह हो गए | हिटलर एक क्रिश्चियन था और इसलिए क्रिश्चियनिटी एक ऐसा धर्म है जो ऐसे क्रूर आतंकवादी मानसिकता वाले लोगों को बनता है, जो समाज में नफरत और देश फैलाते हैं | लोग इस तरह के दावे अक्सर क्रिश्चियनिटी पर बार-बार लगाते देखेंगे | तो चलिए आज इस आर्टिकल में जानते हैं हिटलर के धार्मिक एंगल के बारे में | 

हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 में हुआ था एक कैथोलिक क्रिश्चियन के घर में | बचपन में तो वह चर्च जाता था लेकिन जैसे-जैसे हिटलर बड़ा होता गया वह रिलिजन और रिलिजियस एक्टिविटी से दूर होता गया | हिटलर के करीबी दोस्त August Kubizek जो आगे जाकर बने एक म्यूजिशियन और लेखक उन्होंने अपने किताब में यह लिखा जब हिटलर 13 14 15 साल का हुआ वह धर्म से दूर होता गया उसको धर्म या ईश्वर में विश्वास नहीं रहा | हिटलर एक्चुअली में किसी भी धर्म को नहीं मानता था | हिटलर जैसे-जैसे बड़ा हुआ वैसे-वैसे उसकी नफ़रत बढ़ने लगी धर्म के प्रति वह जिस धर्म के मानने वालों के घर में पैदा हुआ क्रिश्चियनिटी उसे धर्म से भी नफरत करता था और खास तौर पर यहूदियों से |


August Kubizek, said, “For the entire period that I knew Adolf Hitler, I do not think he attended mass.”2 Hitler affirmed his lack of interest in religion as a youth, saying in 1942, “At thirteen, fourteen, fifteen, I no longer believed in anything, certainly none of my friends still believed in the so-called communion, only a few totally stupid honor students!”

 

लोग हिटलर के एक क्वोट को दिखाकर पूरे क्रिश्चियनिटी पर सवाल खड़ा करते हैं जो उसने कहा था 1925 में जब वह जेल में था | हिटलर एक पॉलिटिकल लीडर था और आम बात है कि जिस देश में आपको इलेक्शन जितना हो वहां सत्ता पाने के लिए आपको उसे देश के लोगों के दिल को छूना पड़ेगा | और आज भी यह ट्रिक खास तौर पर हमारे देश पर इस्तेमाल होता है | धर्म को राजनीति से जोड़ना | क्योंकि हिटलर के समय जर्मनी और ऑस्ट्रिया पर ज्यादातर लोग क्रिश्चियन थे तो अगर हिटलर को सत्ता पाना हो तो धर्म की राजनीति से सत्ता आसानी से पा सकते हैं वह ऐसा जानता था | जब हिटलर को हिरासत में लिया गया क्योंकि उसने जर्मनी के खिलाफ का काम किया था तो जेल में उसने यह कहा |


Writing in Mein Kampf, Hitler said: “Today, I believe that I am acting in accordance with the will of the Almighty Creator: by defending myself against the Jew, I am fighting for the work of the Lord” [italics in the original].”

तो इस अकेले क्वोट को दिखाकर आज भी लोग क्रिश्चियनिटी पर दोष लगाते हैं | मैं मानता हूं जो लोग भी इस क्वोट को दिखाकर क्रिश्चियनिटी को झूठ कहते हैं दुनिया में उससे बड़ा मूर्ख और नासमझ कोई नहीं होगा | क्योंकि वह एक इंसान की सोच को आधार करके एक धर्म को झूठ कह रहे हैं | इसमें कोई लॉजिक नहीं बनता | क्योंकि एक इंसान क्रिश्चियनिटी नहीं है और जो इंसान उसे धर्म के अनुसार काम नहीं करता वह एक क्रिश्चियन नहीं है | जरूर हिटलर एक क्रिश्चियन घर में पैदा हुआ और उसके जैसे करोड़ों लोग भी पैदा होते हैं वह सभी सच्चे क्रिश्चियन नहीं बन जाते | बाइबल में एक खूबसूरत वचन लिखा है मैं पढ़ कर सुनना चाहूंगा |


मत्ती 7: 21- 23 

21जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश  करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ।

तो बाइबल खुद कहता है कि कोई भी कुछ भी कहे मैं क्रिश्चियन हूं मैं ही सच्चा क्रिश्चियन हूं मैं पास्टर हूं मैं प्रॉफिट हूं मैं मंत्री हूं या संत्री हूं | अगर आप पिता की इच्छाओं को मानकर नहीं चलेंगे आप क्रिश्चियन नहीं है | और हिटलर ने जब वह कहा था तब वह पहले ही एक क्राइम करके जेल में बैठा था | और क्योंकि तब ज्यादातर लोग क्रिश्चियन थे तो सांत्वना पाके वह जेल से बाहर निकालके सरकार बनना चाहता था | उसका मकसद क्रिश्चियनिटी को फैलाना या एक क्रिश्चियन बना नहीं था, बल्कि क्रिश्चियनिटी का नाम इस्तेमाल करके अपना फायदा चाहता था | और इसका सबूत हम उसके जीवन से ही देख सकते हैं |

एक और क्वोट में दिखाना चाहूंगा हिटलर के एक सहयोगी का जिसने हिटलर पर एक किताब लिख 1970 में | स्पेयर अल्बर्ट जो एक जर्मन आर्किटेक्ट थे और यह हिटलर के नाज़ी सेना में हथियार और सेना को मजबूत करने के लिए एक मिनिस्टर के पोस्ट पर थे | उसने अपने किताब Inside the Their Reich page no 734 में यह लिखा


“The Mohammedan religion . . . would have been much more compatible to us [Germans] than Christianity. Why did it have to be Christianity with its meekness and flabbiness?” |


 यहां पर यह कहते हैं कि मोहम्मद का धर्म हम जर्मन के लिए अच्छा है | क्रिश्चियनिटी एक ऐसा धर्म है जो शांत स्वभाव का है जो खुले तौर पर विरोध नहीं करता या हिंसा नहीं करता | इससे साफ होता है कि हिटलर जरूर एक कैथोलिक परिवार में जन्म लिया था | पर वह क्रिश्चियनिटी को एक कमजोर धर्म मानता था | तो जब हिटलर को सत्ता पाना था उसने क्रिश्चियनिटी के तारीफ की | लेकिन जब उसने सत्ता पा लिया तब वह कहता है कि क्रिश्चियनिटी एक माइक और फ्लेविनेस धर्म है |


एक और हिस्टोरियन को पढ़ते हैं जिसे हिटलर के बायोग्राफी को लिखा | Alan Bullock अपनी किताब Hitler: A Study in Tyranny जो 1952 में पब्लिश किया उसमें यह कहते हैं हिटलर को धार्मिक व्यक्ति नहीं था बल्कि Rationalists और Materialists था और क्रिश्चियनिटी से नफरत करता था | Bullock को यह लिखते हैं


The dogma of Christianity gets worn away before the advances of science ... Gradually the myths crumble. All that is left to prove that nature there is no frontier between the organic and inorganic. When understanding of the universe has become widespread, when the majority of men know that the stars are not sources of light, but worlds, perhaps inhabited worlds like ours, then the Christian doctrine will be convicted of absurdity. |


यहां से हम जान सकते हैं कि हिटलर एक Atheist की तरह बात कर रहा है | तो क्या मैं अब यह कहूं कि लाखों करोड़ों मासूम की हत्या का शिक्षा Atheism नें हिटलर के दिमाग में डाला? Bullock अपने किताब में और लिखते हैं कि 1942 आते-आते हिटलर के मन में क्रिश्चियनिटी के खिलाफ और इतना नफरत बढ़ चुका था कि वह कहता था कि वह क्रिश्चियनिटी उनके चर्च को जड़ से उखाड़ देगा इस धरती में से पर उससे पहले यहूदियों की बारी है |

तो हम देख सकते हैं कि हिटलर कोई क्रिश्चियन विश्वासी या कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं था बल्कि नफरत से और घमंड से भरा हुआ व्यक्ति था |

एक और बच्चों वाला तर्क कुछ लोग देते हैं, कि यहूदियों ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया, इसलिए हिटलर जो की एक क्रिश्चियन था उसने 60 लाख यहूदियों को मार डाला | यह तर्क भी बेसलेस है क्योंकि Bulllock के अनुसार हिटलर किसी भी धर्म को नहीं मानता | वह सभी क्रिश्चियन और यहूदियों से नफरत करता था | तो यह कहना कि उसने यहूदीयो को मारा, क्योंकि वह क्रिश्चियन से प्रेम करता था, यह बिल्कुल ही झूठी बात है |

तो हमने देखा कि हिटलर क्या मानता था और क्या नहीं | जो लोग हिटलर के राजनीतिक पॉइंट को पड़कर आज तक क्रिश्चियनिटी पर सवाल उठाते हैं कि देखो एक क्रिश्चियन घर में पैदा होने वाला दुनिया का इतना बड़ा कातिल बन गया | यह सोच गलत है , और कड़े शब्दों में कहो तो मूर्खता और नासमझ सोच है |

लोग यह नहीं देखे कि वह इंसान किस विचारधारा को मानता था क्या?

वह जिस धर्म के परिवार में पैदा हुआ उसे धर्म को मानता भी है या नहीं?

या क्या उसने जो हत्याएं की वह इस धर्म के शिक्षाओं के प्रभाव में पड़कर की या नहीं?

बिना सोचे समझे बिना उसके बारे में पढ़े लोग एक इंसान की करतूत को आधार बनाकर एक धर्म विशेष को झूठ और गलत बताने लगते हैं मैं ऐसे लोगों को मूर्ख मानता हूं, जो लोगों के कर्मों को आधार करके एक धर्म को गलत कहते हैं | क्योंकि अगर मैं इनके लॉजिक को लेकर उनके ऊपर डालो तो क्या होगा | एक महिला है जो कि सांसद भी है और अपने आप को हमेशा हिंदू ही कहती है और उसपर आरोप है कि उसने कई लोगों की जान ली बम गिराके | तो क्या मैं यह कहूं कि देखो हिंदू धर्म झूठ है और लोगों को कातिल बनाना सिखाता है?

और हम दुनिया में देख सकते हैं कि कुछ लोग अपने शरीर में बोम लगाकर फोड़ देते हैं अल्लाह का नाम लेकर | तो क्या मैं यह कहूं कि आपका धर्म इस्लाम और झूठा है क्योंकि लोग गलत काम करते हैं? यह मूर्खों का लॉजिक होता है समझदारों का नहीं | इसीलिए जब भी किसी पर दोष लगाओ तो थोड़ा सोच समझकर भगवान ने जो दिमाग दिया है उसका इस्तेमाल करके दोष लगाइए |

आज के लिए बस इतना ही दोस्तों | ऐसे ही सवालों के जवाब पाने के लिए हमारे आर्टिकल्स को पढ़िए, हम कोशिश करेंगे जितने भी झूठे आरोप क्रिश्चियनिटी पर उठाए जाते हैं उनका खंडन कर सकें | मिलते हैं अगले आर्टिकल में | धन्यवाद 



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