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Why God doesn't Show himself Up | परमेश्वर कायर है? God is so Afraid to Come to Me?

परमेश्वर कायर है? God is so Afraid to Come to Me?


जय मसीह की दोस्तों, आशा करता हूं आप सभी लोग अच्छे होंगे और हमारे आर्टिकल्स पढ़के कुछ सीख रहे होंगे | आज हम एक और सवाल का बिब्लिकल जवाब देखते हैं | यह सवाल खासकर वह लोग उठाते हैं जो अपने आप को Atheist or Agnostic कहते हैं, और हर आस्तिक के मन में यह सवाल कभी ना कभी आया होगा |

कि अगर ईश्वर है, अगर ईश्वर इतना शक्तिमान है, तो वह सामने क्यों नहीं आता?
क्या अस्तिकों का ईश्वर इतना कायर है जो लोगों के सामने आने से डरता है?


जवाब: जब भी कोई ईश्वर को कायर या शक्तिहीन कहता है, तो ईश्वर में विश्वास करने वाले आस्तिक नाराज हो जाते हैं | लेकिन रुकिए सवाल करना कोई गलत बात नहीं है | और यह सवाल कुछ गलत नहीं है. ना ही किसी ईश्वर का अपमान हुआ है | सवाल बिल्कुल जायज है | तो चलिए जानते हैं कि अगर ईश्वर सभी को दिखाई दे के कहे, देखो मैं ईश्वर हूं तुम मुझ पर आस्था रखो, ये तो अच्छी बात होनी चाहिए, है ना? सभी लोग स्वर्ग जाएंगे, सभी लोग उद्धार पाएंगे, क्या यह अच्छी बात नहीं? तो ईश्वर ऐसा क्यों नहीं करता?


एक उदहारण सुनिए जहां पर मैं आपको बाइबल के ईश्वर के जगह पर रखूंगा ताकि आपको सही जवाब मिल सके |

सोचिए आप ईश्वर हैं. आपने एक दुनिया बनाई. दुनिया में लोग बनाए. धीरे-धीरे लोगों की तादाद बढ़ने लगे | आपने एक बार अपने बनाए लोगों से मुलाकात की. कुछ लोग आपको माने और कुछ लोग देखने सुनने के बाद भी आप पर विश्वास नहीं किए | फिर उन लोगों के बच्चे आए, आपने उनके साथ भी मुलाकात की, उन्हें चिन्ह चमत्कार दिखाए, कुछ लोग विश्वास किए और फिर से कुछ लोग विश्वास नहीं किए | फिर तीसरी पीढ़ी आई, आपने उनकी तीसरी पीढ़ी से भी बात की, कुछ लोग विश्वास किए और कुछ लोग विश्वास नहीं किए | ठीक इसी तरह जब हम बाइबल को पढ़ते हैं परमेश्वर ने आदम से लेकर नूह, फिर अब्राहम फिर बाकी लोगों से भी मुलाकात बात की, उन्हें अपना अस्तित्व होने का परिचय दियाm लेकिन क्या हुआ? कितने लोग विश्वास किए? खुद ह्वा ने शैतान के बातों पर यकीन करके पाप किया | फिर उनके बेटे कैन ने अपने भाई की हत्या की | क्या यह लोग ईश्वर को नहीं देखे थे नहीं जाने थे? लेकिन हम इंसान तो है मूढ़ और मनमानी, अगर ईश्वर हमें दिखाई सुनाई दे फिर भी हम अपने मन की ही सुनेंगे, जैसे हम बाइबल को पढ़ के जान सकते हैं | फिर भी अगर आज आप सोचते हैं कि उनकी बात छोड़िए, हमारी बात कीजिए, तो सोचिए, अगर परमेश्वर इंसानों से मुलाकात करेंगे तो यह मुलाकात सभी लोगों के साथ लाखों करोड़ों बार लाखों करोड़ों अरबों लोगों से कितने सालों तक करें, तब जाकर आप विश्वास करेंगे? क्या ईश्वर एक सेल्समैन है जो हर एक व्यक्ति को पर्सनली मुलाकात करें, कि हे, मैं ईश्वर हूं मुझ पर विश्वास करो, हे, मैं हूं ईश्वर मुझे मानो | यह सिर्फ एक सेल्समैन करते हैं परमेश्वर नहीं | असल में आपको यह सवाल करना चाहिए, कि परमेश्वर हमसे क्या चाहता है? इसके लिए बाइबल के परमेश्वर को जानना पड़ेगा बाइबल को पढ़ के |


बाइबल के ईश्वर का मकसद आपको रोबोट बनाना नहीं है, ना ही आपके मन को इस तरीके से बदलना कि आप विश्वास करें मजबूरी में, या किसी लालच में | बाइबल का ईश्वर क्या चाहता है? क्या वह यह चाहता है कि मैं सभी को दर्शन दे दूं ताकि वह मुझे देखे और विश्वास करें? और फिर क्या? धीरे-धीरे लोग इस बात की लालच में विश्वास करेंगे कि हे, यह तो ईश्वर है, सर्वशक्तिमान है इनसे रिश्ता रखेंगे तो हमें कुछ कु ना कुछ मिलेगा, जैसे हम बड़े-बड़े नेता या लोगों के साथ रिश्ता या कनेक्शन रखते हैं, ताकि हमें फायदा हो सके | क्या ऐसा रिश्ता चाहता है हमारा परमेश्वर? जी नहीं | बाइबल का ईश्वर ऐसा नहीं है, और ना ही ऐसा चाहता है | वह चाहता है कि आप उससे प्रेम करें, जैसे उसने हमसे किया है | बाइबल हमें बताती है कि ईश्वर प्रेम है | बाइबल का परमेश्वर हमसे रिश्ता जोड़ना चाहता है | कोई भी रिश्ता, कोई भी दोस्ती एक मैसेज एक मुलाकात से नहीं होता, उसके लिए वक्त लगता है | जैसे-जैसे वक्त बढ़ता है, रिश्ता मजबूत होता है | आप किसी से ऐसे रिश्ता नहीं बना सकते कि एक मैसेज डाल दिया एक मुलाकात कर दिया और लो वह आपसे जुड़ गया, नहीं | रिश्ते, दोस्ती, विश्वास, प्रेम, ऐसे काम नहीं करता, और इसी रिश्ते को बनाए रखने के लिए उसने मानव इतिहास में कई बार बार-बार हस्तक्षेप किया | बाइबल से हम जानते हैं परमेश्वर ने आदम से मुलाकात की, उनके बच्चों से मुलाकात की, आदम से लेकर मूसा तक परमेश्वर ने बार-बार मानव को दर्शन दिए, और 2000 साल पहले जब परमेश्वर ने मानव शरीर धारण किया अपना अस्तित्व इतिहास में दर्ज किया, क्यों? ताकि वह अपना प्रेम हमें दिखा सके | मानव और ईश्वर के बीच जो प्रेम का बंधन टूट चुका था पाप के कारण, अपना जीवन देके उस पाप को हटा के उस टूटे हुए रिश्ते को दोबारा जोड़ा यीशु ने | यह चाहते हैं बाइबल के ईश्वर |


और अगर फिर भी आज हम यह कहते फिरेंगे कि आस्तिक का ईश्वर सामने क्यों नहीं आता, या किसी भी आस्तिक के मन में यह सवाल उठता है कि मेरे ईश्वर मुझे दिखाई क्यों नहीं देते | बाइबल को पढ़िए, परमेश्वर क्या चाहता है यह जानिए, परमेश्वर कैसे अपना काम करते हैं वह जानिए, तब आपका जीवन आशीष होगा |


इस आर्टिकल में बस इतना ही दोस्तो |अगर आपके मन में कोई और सवाल आता है, तोह हमे यहाँ नीचे कमेंट कीजिये, सवाल का उत्तर दिया जाएगा।अगर किसीको इस जवाब की ज़रुरत हैं, तोह उसे आप Share करे। 

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